जशपुर/छत्तीसगढ़:– में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार! जशपुर जिले में जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने स्थानीय पत्रकारों को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में पत्रकारों को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने उनके खिलाफ खबरें लिखीं, तो उन पर मानहानि का मुकदमा ठोका जाएगा और एक-एक करोड़ रुपए का हर्जाना वसूला जाएगा।
नोटिस में क्या लिखा है?
पत्रकारों की खबरों को तथ्यहीन और भ्रामक बताया गया।
कहा गया कि इन खबरों से अधिकारी की छवि खराब हुई है।
धमकी दी गई कि आगे भी रिपोर्टिंग करने पर पत्रकारों पर मानहानि अधिनियम 1867, दंड प्रक्रिया संहिता 1908 और SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पत्रकारों को आदेश दिया गया है कि वे 15 दिन के भीतर लिखित माफीनामा प्रकाशित करें, अन्यथा अदालत में घसीटकर करोड़ों का मुआवजा वसूला जाएगा।
पत्रकारों में गुस्सा, लोकतंत्र पर सवाल।
इस नोटिस ने पत्रकारिता जगत में भूचाल ला दिया है। पत्रकारों का कहना है
यह प्रेस की आज़ादी पर हमला है।
भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को उजागर करने की सज़ा पत्रकारों को धमकी देकर दी जा रही है।

अधिकारी सत्ता के दबाव और कानूनी हथियार का इस्तेमाल कर सच्चाई को दबाना चाहते हैं।
कानूनी विशेषज्ञों की राय।
कानून के जानकारों का कहना है कि जनसंपर्क विभाग का काम मीडिया और जनता के बीच सेतु का होता है, लेकिन किसी अधिकारी द्वारा मीडिया को ही धमकाना गंभीर है। कोर्ट में ऐसे मानहानि दावे को साबित करना मुश्किल होगा, क्योंकि अगर पत्रकार सत्य और सबूतों के आधार पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं तो यह उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है।

अब क्या होगा?
जशपुर के पत्रकार अब एकजुट होकर इस मुद्दे को पत्रकार संगठनों, राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि यह नोटिस वापस लिया जाए प्रेस की स्वतंत्रता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।