सूरजपुर में अवैध कटाई के दौरान हादसा, प्रशासन और वन विभाग पर गंभीर सवाल।
सूरजपुर:–उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ की ज़मीन पर रोज़गार की तलाश में आया एक मज़दूर अब कभी अपने घर नहीं लौटेगा। सूरजपुर ज़िले के भैयाथान क्षेत्र में नीलगिरी की अवैध कटाई के दौरान एक दर्दनाक हादसे में 35 वर्षीय मजदूर मोहम्मद जुल्फेकार की जान चली गई।

जानकारी के अनुसार, पेड़ की कटाई मशीन से की जा रही थी, तभी एक भारी टहनी टूटकर सीधे जुल्फेकार के सीने पर गिर गई। गंभीर रूप से घायल हालत में उसे तत्काल भैयाथान अस्पताल ले जाया गया, जहां से सूरजपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
नियमों की अनदेखी, मजदूरों की जान से खिलवाड़।

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बीते कई महीनों से यूपी से आए व्यापारियों द्वारा सूरजपुर सहित आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर नीलगिरी, सेमर, कदम जैसे पेड़ों की कटाई की जा रही है। कटाई कार्य में मजदूरों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होते। हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट जैसी बुनियादी चीज़ें भी नहीं दी जातीं।
अवैध कटाई और राजनीतिक संरक्षण का आरोप।
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इन गतिविधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते वन विभाग और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं। विकास की आड़ में जंगल उजड़ रहे हैं और इंसानी ज़िंदगियां दांव पर लगाई जा रही हैं।
“आज जुल्फेकार गया है, कल कोई और जाएगा”
गांववालों के अनुसार, यह सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता की मिसाल है।
“ये मजदूर अपने बच्चों का पेट पालने दूर-दराज़ से आते हैं, लेकिन यहां न उन्हें सुरक्षा मिलती है, न इंसाफ,” एक बुज़ुर्ग ग्रामीण ने गुस्से में कहा।
बढ़ती मांगें, कार्रवाई का इंतजार।
ग्रामीणों ने मांग की है कि घटना की उच्च स्तरीय जांच हो, मृतक के परिजनों को मुआवज़ा दिया जाए और इस तरह की अवैध कटाई पर तत्काल रोक लगे।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग से इस मामले में प्रतिक्रिया अब तक नहीं मिल पाई है।