सूरजपुर:– जिले में लकड़ी माफिया जिस तरह से सिस्टम को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। उससे लगता है कि प्रशासन तस्करी के मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है जिसके कारण वन माफिया दबंगई से लकड़ी तस्करी में लिप्त हैं।
नया मामला सूरजपुर से लगे ग्राम ,राजापुर,दतिमा, तिलसिवा का है यहां खुलेआम बिना किसी अनुमति के दबंगई से प्रशासन के नाक के नीचे बड़े पैमाने पर लकड़ी तस्करी का काम चल रहा है इसमें बड़े स्तर पर मिली भगत का संदेह उत्पन्न हो रहा है शुक्रवार के दिन आदित्य होटल के बगल में यूपी के तस्कर यूकेलिप्टस और कदंब के बड़े पेड़ कटवाकर यू पी नंबर ट्रैक्टर UP12 bs 0933 में लोड किया गया था कुछ लोगों के पूछे जाने पर कहा गया की प्रशासन में हमारा अंदर तक घुसपैठ है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता जहां जाना है चले जाओ।
इसके बाद आनन फानन में एसडीएम कार्यालय में आवेदन देकर रिसीव लाया गया इसमें कई त्रुटियां दिख रही हैं सोचने वाली बात है की इन माफियाओं को आनन फानन में तत्काल रिसीविंग भी दे दिया जाता है।

सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश से आए लकड़ी माफिया खुलेआम प्रशासन के संरक्षण होने का दंभ भरते हैं,आखिर इसमें कितनी सच्चाई है..?
कौन देगा जवाब..?
किन-किन का संरक्षण प्राप्त है इन लकड़ी माफियाओं को..?
क्या यूकेलिप्टस के आड़ में बहुमूल्य लकड़ी का भी तो नहीं हो रहा है तस्करी..?
प्रशासन क्यों सो रहा है गहरी नींद में..?

मौके पर दबंगों का हंगामा।
ग्राम तिलसिवा में शिवसेना संगठन के जिला प्रमुख विष्णु वैष्णव पहुंचे तो देखा कि कुछ लोग पेड़ काटकर यू पी नंबर ट्रैक्टर में लोड कर रहे है पूछे जाने पर बताया गया कि निजी जमीन मालिक से पेड़ खरीदी कर ले जाया जा रहा है, अनुमति के बारे में पूछने पर दबंगों ने धमकाना शुरू कर दिया उनके द्वारा कहा गया कि प्रशासन में हमारी सेटिंग है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, इसके बाद लोगों ने एसडीएम सूरजपुर को फोन पर इसकी सूचना दी एसडीएम के निर्देश पर तत्काल पटवारी पहुंचे और पंचनामा बना कर गाड़ी जब्त कर ली गई।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या जांच और कार्रवाई करती है उत्तर प्रदेश से आए कई संदिग्ध पूरे जिले में डेरा डाले हुए हैं क्या इनका वेरीफिकेशन हो गया है और नहीं तो क्या किसी बड़े घटना का इंतजार किया जा रहा है..?
क्या यूकेलिप्टस के आड़ में बेसकीमती लकड़ियों को जंगल से साफ तो नहीं किया जा रहा है..?
पूरे जिले में जिस तरह से लकड़ी माफिया सक्रिय है कोई बड़ा खेल तो नहीं चल रहा है..?

बिना बीमा पॉल्यूशन के दौड़ रही है गाड़ियां
ऑनलाइन चेक करने पर पता चला की लकड़ी परिवहन में उपयोग में लाए जा रहे ट्रैक्टर का बीमा पॉल्यूशन जैसे जरूरी कागजात फेल थे, ऐसे में अगर कोई गंभीर दुर्घटना घटती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा पूरे नगर में तस्करों की गाड़ियां धड़ल्ले से दर्जनों की संख्या में दौड़ रही है प्रशासन का नजर इन पर क्यों नहीं पड़ता है।

प्रशासन के नाक के नीचे लकड़ी गोदाम हो रहे हैं संचालित
नगर में और नगर से लगे ग्राम पंचायत तिलसिवां में बड़े लकड़ी गोदाम संचालित हो रहे ग्राम पंचायत तिलसिवा में संचालित लकड़ी गोदाम में बड़े ट्रेलर जैसे ओभर लोड भारी वाहन बेधड़क दौड़ रहे हैं जबकि ग्राम पंचायत की सड़कों में भारी वाहन की भार सहने की क्षमता नहीं होती है। जिसके कारण ग्राम पंचायत की सड़क उखड़ कर धूल में तब्दील हो रहे हैं, लकड़ी गोदाम के बाजू में ही वृद्ध आश्रम संचालित हो रहा है सामने धूल भरी सड़क होने के कारण वृद्धाआश्रम में रह रहे वृद्ध लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पढ़ने की संभावना है। और पास में ही मुख्यमंत्री डीएवी पब्लिक स्कूल भी संचालित होता है।

इस मामले में ग्राम पंचायत तिलसिवा के सरपंच कामेश्वर सिंह का कहना है कि ग्राम पंचायत के सड़कों में चल रहे ओवरलोड भारी वाहन पर जल्द ही रोक लगाई जाएगी

आखिरकार किनका संरक्षण है ऐसे अवैध कार्यों में रोज दर्जनों खबर लगने के बाद भी जिला प्रशासन संज्ञान क्यों नहीं लेती है यह तो सोने वाले विषय है रोज दर्जनों गाड़ी सूरजपुर जिला से निकलती है लेकिन बात करे कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति होता है आखिरकार ऐसे अवैध कार्यों के पीछे किन का हाथ है या यू बोले किन का संरक्षण है यह समझ से परे है अब देखना होगा जिले के जिम्मेदार अधिकारी इसी तरह से अवैध कार्यों को फल फूलने देंगे या इस पर अंकुश लगाएंगे।
