सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत भेलकच्छ में फड़ मुंशी की मनमानी, प्रशासनिक उदासीनता और योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार से त्रस्त ग्रामीणों ने जिला वनमंडलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, परंतु कार्रवाई न होने से नाराज़ ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी जाहिर की है उन्होंने प्रशासन को चेताया कि “अब धैर्य की सीमा पार हो चुकी है, ज़मीनी हकीकत देखने गांव आइए।”
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ग्रामीणों का आरोप है कि फड़ मुंशी का व्यवहार शोषणकारी है और कई बार शिकायतें करने के बावजूद उस पर न कोई कार्रवाई हुई, न ही जांच। “ऐसे फड़ मुंशी नहीं चाहिए,” कहकर ग्रामीणों ने नारा भी लगाया।
विकास कार्यों में खुली पोल।
गांव के दर्जनों विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति पर ग्रामीणों ने सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि पंचायत द्वारा सड़कों और अन्य निर्माण कार्यों के लिए धन निकाला गया, लेकिन ज़मीनी स्तर पर काम अधूरा या अस्तित्वहीन है। बरसात नज़दीक है और गांव की सड़कें खस्ताहाल हैं, जिससे आने-जाने में दिक्कतें और बढ़ेंगी।
मनरेगा में बड़ा घोटाला।
ग्रामीणों ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भी गड़बड़झाला चरम पर है। कई मेहनतकश मजदूरों को वर्षों से मजदूरी नहीं मिली है, जबकि उनके पास जॉब कार्ड भी हैं। वहीं, सरपंच और उपसरपंच के परिवारजनों के नाम पर बिना कोई काम किए 10 से 20 हजार रुपये तक मजदूरी भुगतान कर दिया गया।
कलेक्टर से लगाई गुहार।
सैकड़ों ग्रामीणों ने जिलाधीश से मांग की कि वे खुद गांव आकर स्थिति का जायजा लें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें। ग्रामीणों ने नारा लगाते हुए प्रशासन से अपील की “हमारी भी सुनो साहब, अब और नहीं सहेंगे अन्याय।”