कलेक्टर ने परिजनों से मिलकर बंधाया ढांढस, 4-4 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
अंबिकापुर, 20 मई 2025:
सरगुजा जिले के रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो मासूम बच्चों की मौत के बाद सामने आई लापरवाही और अवैध वसूली के आरोपों पर कलेक्टर श्री विलास भोसकर ने त्वरित और कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की है। लापरवाही और कर्तव्य के प्रति असंवेदनशीलता के आरोपों में एक खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक अनुबंधित चिकित्सक को सेवा से कार्यमुक्त किया गया है।
घटना की पृष्ठभूमि:
ग्राम सिलसिला ढोढ़ा झरिया में बीते दिनों दो मासूम चचेरे भाई — सूरज गिरी और जुगनू गिरी (उम्र 5 वर्ष) — की मौत एक गहरे और असुरक्षित मछलीपालन गड्ढे में डूबने से हो गई। यह दर्दनाक हादसा पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का कारण बन गया।
परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए कि रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक ने शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए प्रति शव 10-10 हजार रुपये की अवैध मांग की। पैसे न देने पर पोस्टमार्टम में देरी की गई। ग्रामीणों के दबाव और शिकायत के बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई।

प्रशासनिक जांच और कार्रवाई:
जांच में यह सामने आया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौरपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राघवेंद्र चौबे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं रख पाए और गंभीर लापरवाही बरती। उनका यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के विपरीत पाया गया, जिसके चलते उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय अम्बिकापुर CMHO कार्यालय नियत किया गया है और वे सक्षम अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।
वहीं, रघुनाथपुर पीएचसी में पदस्थ अनुबंधित डॉक्टर डॉ. अमन जायसवाल को अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही का दोषी पाए जाने पर कार्यमुक्त कर दिया गया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर के समक्ष उपस्थित हों।

कलेक्टर ने परिजनों से की मुलाकात:
कलेक्टर श्री विलास भोसकर ने स्वयं रघुनाथपुर स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की और मृतकों के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की। उन्होंने शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए घटना की जानकारी ली और तत्काल आपदा-प्रबंधन निधि (आरबीसी 6/4) के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की।
कलेक्टर का सख्त संदेश:
कलेक्टर ने कहा कि ऐसी संवेदनशील घटनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के विरुद्ध आगे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां दोहराई न जाएं।