बोलीं मंत्री राजवाड़े’बच्चों के पोषण से समझौता नहीं, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई!’
रायपुर:– छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित की जा रही सामग्री की गुणवत्ता पर उठे सवालों के बाद, मंत्री राजवाड़े ने न सिर्फ त्वरित संज्ञान लिया, बल्कि विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर निष्पक्ष जांच के आदेश दिए।
बच्चों के स्वास्थ्य पर नहीं होने देंगे आंच।
मंत्री राजवाड़े ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारे आंगनबाड़ी केंद्र नन्हें बच्चों की सेहत और भविष्य का आधार हैं। यहां वितरित की जाने वाली हर सामग्री की गुणवत्ता सर्वोच्च होनी चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
मंत्री ने 7 मई को विभागीय सचिव को जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद उन्होंने पुनः स्मरण पत्र जारी कर जांच की प्रगति का अपडेट मांगा। मंत्री के निर्देश पर विभाग ने विशेष जांच टीम का गठन किया, जिसमें विशेषज्ञों को शामिल किया गया है ताकि जांच पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ हो सके।
स्पेशल जांच टीम में शामिल होंगे ये विशेषज्ञ।
संयुक्त संचालक वित्त, महिला एवं बाल विकास विभाग
प्रबंध संचालक, सीएसआईडीसी के प्रतिनिधि
प्राचार्य, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (GEC), रायपुर के तकनीकी विशेषज्ञ
जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO), संबंधित जिले
आईसीडीएस के सहायक संचालक (संयोजक)
आईआर क्लास सिस्टम एंड सॉल्यूशन प्रा. लि. एवं एसजीएस इंडिया प्रा. लि. के तकनीकी विशेषज्ञ
15 दिन में मांगी रिपोर्ट, होगी सख्त कार्रवाई।
मंत्री राजवाड़े ने जांच टीम को 15 दिनों के भीतर प्राथमिक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर यदि अनियमितताएँ पाई जाती हैं, तो दोषियों पर बिना किसी भेदभाव के सख्त कार्रवाई की जाएगी। “बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के साथ कोई समझौता नहीं होगा। जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा,” मंत्री ने स्पष्ट किया।

गुणवत्ता सुधार के लिए संकल्पबद्धता।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के इस कदम को प्रदेशभर में एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उनका यह प्रयास यह साबित करता है कि प्रदेश की सरकार बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को लेकर न केवल संवेदनशील है, बल्कि पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ कार्य भी कर रही है।
अब सबकी नज़रें जांच रिपोर्ट पर।
जांच की निष्पक्षता और 15 दिनों में आने वाली रिपोर्ट पर सबकी नज़रें टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और आंगनबाड़ी केंद्रों में सामग्री की गुणवत्ता कितनी बेहतर होती है।