श्रमिक शोषण, जल संकट और पर्यावरणीय अनदेखी पर उठे सवाल।
सूरजपुर:– जिले के भैयाथान क्षेत्र में स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इससे जुड़ी एसआईजी ग्रुप पर नियमों की अनदेखी और श्रमिक शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय लोगों और श्रमिकों का आरोप है कि कंपनी में काम करने वाले मजदूरों से 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक कार्य करवाया जाता है, जबकि उन्हें मानदेय मात्र 10,000 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। यह राशि न केवल श्रम मानकों के खिलाफ है, बल्कि श्रमिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
जल संसाधनों का अवैध उपयोग।
माइंस एरिया में धूल नियंत्रण के नाम पर दो बड़े पानी के टैंकरों का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें पानी ग्राम केवरा स्थित मिनी बांध से उठाया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कार्य बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के किया जा रहा है। इससे तालाब सूखने की कगार पर पहुंच गया है और क्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीणों, पशु-पक्षियों के लिए जल संकट गंभीर समस्या बन चुकी है।

स्थानीय रोजगार में भेदभाव।
एसआईजी ग्रुप पर आरोप है कि स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता न देकर झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश से श्रमिकों को बुलाया गया है। इन श्रमिकों को कम वेतन पर लंबे घंटों तक काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय बेरोजगारी में भी इज़ाफा हुआ है। यह स्थानीय युवाओं के अधिकारों का स्पष्ट हनन है।
भोजन की गुणवत्ता पर सवाल।
कंपनी के मेस में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे हैं। हाल ही में खाद्य विभाग द्वारा की गई जांच में पाया गया कि भोजन की गुणवत्ता निम्न स्तर की है। इसके चलते एसआईजी ग्रुप को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला।
वाहनों की अनियमितता और प्रशासनिक मेहरबानी।
सूत्रों के अनुसार, कंपनी के माइंस क्षेत्र में चलने वाले कई वाहन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कई वाहनों के कागजात अधूरे हैं, फिर भी वे कंपनी के कार्य में लगे हुए हैं। स्थानीय रसूखदारों के निजी वाहनों का व्यावसायिक कार्य में उपयोग किया जा रहा है, जो नियमों की स्पष्ट अनदेखी को दर्शाता है। इसके बावजूद प्रशासन की उदासीनता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग।
इन तमाम आरोपों और अनियमितताओं के चलते स्थानीय लोगों ने निष्पक्ष जांच और प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले समय में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।