सूरजपुर 19 जुलाई 2025
राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (NH-43) की जर्जर हालत और सरकार की लगातार अनदेखी के खिलाफ आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। सिलफिली में कांग्रेस के नेतृत्व में हुए इस जनआंदोलन में सैकड़ों लोगों ने सड़क पर उतरकर चक्का जाम किया। करीब आधे घंटे तक सड़क पूरी तरह बाधित रही, जिससे यातायात थम गया और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
यह विरोध प्रदर्शन जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र यादव के नेतृत्व में हुआ, जिसमें जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भगवती राजवाड़े, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े, वरिष्ठ नेता रूपदेव कुशवाहा, विष्णु विश्वास, शिव कुमार मंडल, दिलीप साहा, रुचि टोप्पो सहित NSUI और युवा कांग्रेस के दर्जनों पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। स्थानीय ग्रामीणों ने भी एकजुट होकर आंदोलन का समर्थन किया।
सड़क नहीं, यह मौत का जाल है”: कांग्रेस का हमला।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भटगांव विधायक व कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

नरेंद्र यादव ने तीखे शब्दों में कहा:
“NH-43 की हालत ऐसी हो गई है कि यह अब सड़क नहीं, मौत का जाल बन चुकी है। सरकार और मंत्रीजी को केवल अपने गांव की चकाचक सड़कें दिखती हैं, बाकी जनता जान जोखिम में डालने को मजबूर है।”
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष भगवती राजवाड़े ने कहा।
“यह डबल इंजन की सरकार नहीं, डबल असंवेदनशीलता की सरकार है। मंत्री रोज़ इन्हीं सड़कों से निकलती हैं, लेकिन उन्हें गड्ढे नहीं दिखते। अगर जल्द मरम्मत नहीं हुई, तो कांग्रेस और बड़ा आंदोलन करेगी।”

बदहाल सड़कें, बेकाबू हालात।
NH-43 सूरजपुर जिले के लिए न केवल आवागमन बल्कि आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ है। लेकिन इसकी हालत लंबे समय से खस्ता है।
बारिश के मौसम में गड्ढों में पानी भर जाता है और आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायत के बावजूद ना तो कोई मरम्मत हुई, ना ही कोई निरीक्षण।
एक प्रदर्शनकारी ग्रामीण ने बताया:
“हमारे गांवों से सब्जी, लकड़ी, दूध सब इसी सड़क से जाता है। लेकिन इस हाल में तो गाड़ी चलाना जान से खेलने जैसा है।”
प्रशासन मौके पर पहुंचा, ज्ञापन सौंपा गया।
चक्का जाम की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा। अफसरों ने प्रदर्शनकारियों से संवाद कर जाम समाप्त कराने की कोशिश की। अंततः कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मरम्मत की समयबद्ध कार्ययोजना और बजट आवंटन की मांग वाला ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन समाप्त किया।
राजनीतिक तापमान बढ़ा।
इस आंदोलन के बाद सूरजपुर का राजनीतिक तापमान चढ़ गया है। कांग्रेस ने इसे जनआंदोलन का रूप देने का संकेत दिया है और स्थानीय भाजपा नेतृत्व अब दबाव में आता दिख रहा है। जनता के बीच इस आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है, जिससे आने वाले दिनों में यह मुद्दा सत्तापक्ष के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।