🟥 छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है।
इस मामले में एक और बड़ा नाम सामने आया है — दुर्ग-भिलाई के प्रमुख शराब कारोबारी पप्पू बंसल को नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी के बाद बंसल को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की हिरासत में रखा गया है, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
आमने-सामने की टक्कर: बंसल बनाम भाटिया।
बंसल को EOW ने शराब कारोबारी विजय भाटिया के आमने-सामने बिठाकर पूछताछ शुरू की है।
भाटिया पहले से ही इस केस में EOW की रिमांड पर है।
सूत्रों के मुताबिक, 6 जून को पप्पू बंसल को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
कौन है पप्पू बंसल?
प्रॉपर्टी डीलिंग से शुरुआत करने वाला यह व्यवसायी, बाद में शराब और कोयला कारोबार में सक्रिय हुआ।
दुर्ग-भिलाई में इसका कारोबारी और राजनीतिक नेटवर्क मजबूत रहा है।

राजनीतिक हलकों में उसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी माना जाता रहा है, जिसकी वजह से यह गिरफ्तारी राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील मानी जा रही है।
क्या है शराब घोटाला?
EOW और ACB द्वारा की जा रही जांच में खुलासा हुआ कि शराब बिक्री, वितरण और कमीशन के नाम पर राज्य में करोड़ों रुपये का गबन हुआ।
कई अधिकारियों, व्यापारियों और बिचौलियों के नाम सामने आए हैं।
इस मामले में विजय भाटिया की गिरफ्तारी के बाद अब पप्पू बंसल की एंट्री ने जांच की दिशा को और गंभीर बना दिया है।
राजनीतिक असर क्या पड़ेगा?
बंसल की गिरफ्तारी से यह मामला सिर्फ आर्थिक घोटाले तक सीमित नहीं रहा।
अब यह सीधे-सीधे राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुका है।
जानकारों का मानना है कि अगर पूछताछ में पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़ी कोई कड़ी सामने आती है, तो सियासत में भूचाल आ सकता है।
आगे क्या?
EOW अब इस केस को प्रत्येक स्तर पर खंगालने की तैयारी में है।
जल्द ही और गिरफ्तारियाँ, राजस्व दस्तावेजों की जांच, और राजनीतिक रसूख की परतें खुल सकती हैं।
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