तीन साल में दूसरा बड़ा हादसा, SECL और PWD की लापरवाही से फिर गई जान – क्या सिर्फ कमीशन ही बचा है जिम्मेदारी का मतलब?
सूरजपुर, 22 जून 2025 विशेष रिपोर्ट
सूरजपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र भटगांव में शनिवार देर रात लगभग 10 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। एसईसीएल कर्मचारियों को लेकर जा रही यात्री बस खड़गवां थाना क्षेत्र के सुखाड़ पुलिया से अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बस में सवार 13 कर्मचारी घायल हो गए हैं। दो को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया, जबकि 11 गंभीर घायलों को अंबिकापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना स्थल पर ही मौत – पुलिया में गड्ढा बना मौत का कारण।
बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारी भटगांव और जरही क्षेत्र से जगन्नाथपुर महान-3 कोयला खदान जा रहे थे। सुखाड़ पुलिया पर बने गहरे गड्ढे के कारण बस चालक संतुलन नहीं रख पाया और बस सीधे नदी में गिर गई। चालक बस के नीचे दब गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह वही पुलिया है, जहां लगभग तीन वर्ष पूर्व भी इसी प्रकार का हादसा हुआ था।
SECL और PWD की लापरवाही बनी मौत की वजह – कौन है जिम्मेदार?

पिछले हादसे से कोई सबक नहीं लिया गया। सवाल यह है कि क्या SECL और PWD के लिए कर्मचारी केवल संख्या हैं, और सड़क निर्माण सिर्फ कमीशनखोरी का साधन बन चुका है?
भटगांव क्षेत्र से जुड़े जानकारों के मुताबिक, SECL ने सड़क मरम्मत व निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी को करोड़ों रुपये का भुगतान किया था, लेकिन चहेते ठेकेदारों को काम सौंपकर गुणवत्ताहीन निर्माण कराया गया। सड़क में गड्ढे भरना किसी की प्राथमिकता नहीं रही, परिणामस्वरूप एक और जान चली गई।
कलेक्टर और एसपी पहुंचे अस्पताल व घटनास्थल – पर क्या होगा कुछ?
घटना के बाद कलेक्टर सूरजपुर और पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और अस्पताल पहुंचकर घायलों की स्थिति जानी। उन्होंने उपचार में लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए, लेकिन सवाल यह है कि क्या कागज़ी निर्देशों से मृतक लौट आएगा?

आक्रोशित परिजन बोले – बस हादसा नहीं, सिस्टम की हत्या है ये
हादसे की खबर मिलते ही भटगांव और जरही कॉलोनी में कोहराम मच गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि SECL के जिम्मेदार अफसरों को बस कमीशन की चिंता है, कर्मचारियों की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं। यदि समय रहते पुलिया और सड़क की मरम्मत की जाती, तो यह हादसा टल सकता था।
जनता की मांग – हो उच्चस्तरीय जांच, जिम्मेदार अफसरों पर FIR

स्थानीय नागरिकों और मजदूर संगठनों ने इस हादसे को प्रशासनिक हत्या बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही, लापरवाह अफसरों और निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग उठाई गई है।
अब वक्त आ गया है कि SECL और PWD जैसी संस्थाएं केवल कागज़ों पर विकास ना दिखाएं, बल्कि ज़मीन पर कर्मचारी की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। वरना हर तीसरे साल इसी पुलिया पर एक और लाश गिरेगी – और अफसर फिर कहेंगे, “हमने संज्ञान लिया है”
इस बार सिर्फ रिपोर्ट न बने, इंसाफ भी हो।